डिस्प्ले बोर्ड से लेकर हमसफ़र एक्सप्रेस तक, बदल रहा है रेलवे!

यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे बड़े कदम उठा रहा है।

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हाई-विज़िबिलिटी कोच डिस्प्ले से लेकर नये स्मार्ट कोच तक, रेलवे ने महामारी के दौरान भी बेहतर ट्रेन यात्रा प्रदान करना सुनिश्चित किया है।

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कुछ महत्वपूर्ण अपडेट्स निम्नलिखित हैं:  

> पश्चिमी रेलवे ने कोचों की संख्या 22 या उससे कम रखते हुए छह जोड़ी लंबी दूरी की ट्रेनों का मानकीकरण करने का निर्णय लिया है। इन ट्रेनों के रेकों को रेक लिंक के एकीकरण द्वारा मानकीकृत किया जायेगा और इससे बेहतर समयपालन और रीशेड्यूलिंग में मदद मिलेगी।

नीचे देखें ट्वीट: 

> भोपाल का हबीबगंज स्टेशन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जल्द ही एक विश्व स्तरीय स्टेशन के रूप में सामने आयेगा। हबीबगंज रेलवे स्टेशन में बहुत बड़े स्तर पर   बदलाव किया गया है और स्टेशन को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बदलने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। इस स्टेशन को पुंनर्निमित करते समय यह ध्यान में रखा गया है की यहाँ प्राकृतिक प्रकाश अधिक से अधिक आ सके, यहाँ वेंटिलेशन की बेहतर सुविधा है एवं पानी और अन्य सामग्रियों के पुन: उपयोग की भी व्यवस्था है। इसमें सौर ऊर्जा और वर्षा जल के पुनःउपयोग की भी व्यवस्था है।

नीचे विवरण देखें:

> यात्रियों की सुविधा के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने 32 स्टेशनों पर हाई विज़िबिलिटी कोच डिस्प्ले बोर्ड लगाये हैं। अब यात्रियों के लिए ट्रेनों की संख्या, कोच की स्थिति आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त करना आसान हो जायेगा। भोपाल मंडल के आठ स्टेशनों के 30 प्लेटफॉर्म, जबलपुर मंडल के 12 स्टेशनोँ के 32 प्लेटफॉर्म और कोटा मंडल के 12 स्टेशनों के 31 प्लेटफॉर्म पर यह कार्य पूरा हो चुका है।  

आधिकारिक ट्वीट यहाँ देखें:

>यात्रियों के लिए ख़ुशख़बरी! रेलवे ने गोड्डा से नई दिल्ली तक चलने वाली हमसफ़र एक्सप्रेस के सभी कोचों को स्मार्ट कोच में बदल दिया है। अब तक गोड्डा-दिल्ली हमसफ़र एक्सप्रेस के कुछ कोच एलएचबी कोच थे। 20 कोच वाली इस ट्रेन (12349/50) में 18 कोच यात्रियों के लिए हैं और ये सभी एसी कोच हैं। दो कोच मोटर वाहनों के लिए हैं। इस ट्रेन में एक डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम और एक सीसीटीवी कैमरा भी है।

यहाँ देखें ट्वीट:

> पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने अब बिना डीज़ल सेट वाली तीन प्रीमियम ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। ध्वनि और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पावर कारों का उपयोग किया जायेगा, और इससे सालाना 7 करोड़ रुपये की बचत भी होगी।

विवरण यहाँ देखें:

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