हिमालय में बसे सबसे महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थलों का घर, उत्तराखंड को देवभूमि (देवताओं की भूमि) कहा जाता है। चार धाम–गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ–पूरे भारत और उसके बाहर तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं। ये पवित्र स्थल वर्ष के केवल छह महीने आगंतुकों के लिए खुले रहते हैं।
मंदिरों के कपाट इस साल मई में खोले गये और अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिए जायेंगे। चार धाम यात्रा 2022 के बारे में आवश्यक जानकारी निम्नलिखित है।
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कैसे पहुँचें?
निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट हवाई अड्डा
निकटतम रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश रेलवे स्टेशन
गंगोत्री
गंगोत्री धाम सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र देवी गंगा को समर्पित है। किंवदंती है कि गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई जब भगवान शिव ने उन्हें अपनई जटाओं से मुक्त किया। इस शुभ मंदिर के कपाट इस साल 3 मई को खोले गये और अक्टूबर के अंत तक दर्शन अभिलाषियों के लिए खुले रहेंगे। गंगोत्री में प्रतिदिन अधिकतम 7000 श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति होगी।
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर आज पतित पावनी मां गंगा को समर्पित गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। प्रातः 11:15 बजे शुभ मुहूर्त में विधिवत हवन, पूजा-अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कपाट खोले गए।
📸 Rajat Semwal #gangotri #Chardham #chardhamyatra2022 pic.twitter.com/hPgInH8OKc
— Uttarakhand Tourism (@UTDBofficial) May 3, 2022
यमुनोत्री
यमुनोत्री, पवित्र यमुना नदी का उद्गम स्थल है। 3293 मीटर की ऊँचाई पर बंदरपूँछ पर्वत के शीर्ष पर स्थित, यह मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु से रक्षा होती है। गंगोत्री की तरह इस साल भी 3 मई को इस मंदिर के कपाट खोले गये। यमुनोत्री में प्रतिदिन अधिकतम 4000 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति होगी।
केदारनाथ
मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह देश में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें भूरे रंग के पत्थर के स्लैब आपस में जुड़े हुए हैं। श्रद्धालु, इस पवित्र मंदिर के पीछे, केदारनाथ शिखर, केदार गुंबद और हिमालय की भव्य चोटियों को बर्फ से ढँके हुए देख सकते हैं। केदारनाथ के कपाट इस साल 6 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गये। केदारनाथ मंदिर में प्रतिदिन अधिकतम 12000 भक्तों को दर्शन करने की अनुमति है।
आज प्रातः 6:25 बजे शुभ मुहूर्त में पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान एवं विधि-विधान अनुसार श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए। असंख्य श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। भगवान शिव को समर्पित इस धाम के दर्शन के लिए आप भी ‘देवभूमि’ उत्तराखंड अवश्य आएं। हर-हर महादेव!#chardhamyatra pic.twitter.com/cShc86Cab0
— Uttarakhand Tourism (@UTDBofficial) May 6, 2022
बद्रीनाथ
बद्रीनाथ मंदिर या बद्रीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। अलकनंदा नदी के तट पर स्थित, यह पवित्र मंदिर जुड़वां नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना 8वीं शताब्दी में ऋषि आदि शंकराचार्य ने की थी। इस साल 8 मई अर्थात आज मंदिर के कपाट खोले गये और यहाँ प्रतिदिन अधिकतम 15,000 तीर्थयात्रियों को पूजा करने की अनुमति होगी।
तो, आप इस साल उत्तराखंड में किस चार धाम मंदिर में जाने की योजना बना रहे हैं? हम आपकी सुरक्षित यात्रा की कामना करते हैं।
यात्रा संबंधी अन्य अपडेट्स के लिए, ixigo के साथ बने रहें।