अर्ध कुम्भ का अंतिम शाही स्नान 4 मार्च को, महाशिवरात्रि के दिन संपन्न होगा। कई वर्षों के बाद यह पर्व सोमवार के दिन पड़ रहा है। सोमवार और महाशिवरात्रि के इस दुर्लभ संयोग की वजह से यह दिन अत्यंत फलदायी और विशेष बन गया है। इस आख़िरी स्नान के लिए भक्तजन देश भर से प्रयागराज में उमड़ रहे हैं।
महत्व:
सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसके पीछे की वजह यह है कि उन्हें भगवान सोमेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि और सोमवार एक साथ होने के कारण यह संयोग अत्यंत चमत्कारी माना जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन संगम के पवित्र जल में स्नान करने के बाद भगवान शिव का ध्यान करने से मन के सारे पाप धुल जाते हैं और असीम शान्ति की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त:
महाशिवरात्रि: 4 मार्च 2019
निशिथ काल पूजा : 00:07 से 00:57
पारण का समय : 06:46 से 15:26 (5 मार्च)
चतुर्दशी तिथि आरंभ : 16:28 (4 मार्च)
चतुर्दशी तिथि समाप्त : 19:07 (5 मार्च)
व्रत विधि:
प्रातः काल उठकर पवित्र जल से स्नान करें। स्नान करने के पश्चात शिव मंदिर जाकर दुग्ध, दही, जल एवं तिल से भगवान शिव का अभिषेक करें। भगवान के बीजमंत्र का जाप करें और सभी की भलाई की कामना करें। भगवान शिव के व्यक्तित्व को आत्सात करें और इस पर्व को इसके सही स्वरुप में मनाएँ।