जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने 2030 तक कार्बन मुक्त होने का फैसला किया है। भारतीय रेलवे ने ग्लोबल वार्मिंग को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई बड़ी पहल की हैं।
ग्रीन रूट लेने के लिए रेलवे द्वारा की गई 5 प्रमुख पहल निम्नलिखित हैं –
♻️विद्युतीकरण
♻️ऊर्जा दक्षता
♻️ हरित प्रमाणन
♻️ जैव-शौचालय
♻️ अक्षय ऊर्जा
मुख्य हाइलाइट्स निम्नलिखित हैं –
1– दिसंबर 2023 तक ब्रॉड गेज पर सभी मार्गों का विद्युतीकरण
2– रेलवे बिजली ग्रिड को बड़े पैमाने पर चलाने के लिए सौर और पवन ऊर्जा
3– भारतीय रेलवे ने 40,000 से अधिक आरकेएम (BG मार्गों का 63%) का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है।
4– 2009-14 में 3,835 किमी की तुलना में 18,605 किमी विद्युतीकरण का काम 2014-20 के दौरान किया गया
5– COVID के दौरान भी 365 किलोमीटर की प्रमुख कनेक्टिविटी का काम भी शुरू किया गया है
6– 900 स्टेशनों सहित विभिन्न भवनों की छतों पर 100 मेगावाट सौर संयंत्र लगाए गए हैं; 400 मेगावाट निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं
7– भारतीय रेलवे के पास 20 गीगावॉट भूमि आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए 51,000 हेक्टेयर क्षेत्र है
8– BHEL के सहयोग से बीना में 1.7 मेगावाट की एक परियोजना पहले ही स्थापित की जा चुकी है।
9– पवन ऊर्जा क्षेत्र में, 103 मेगावाट पवन आधारित बिजली संयंत्र पहले ही चालू हो चुके हैं; अगले 2 वर्षों में तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में 200 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना है।
10 — इमारतों और स्टेशनों पर 100% एलईडी रोशनी की व्यवस्था की गयी है।
11– कुल 505 जोड़ी ट्रेनों को HOG में बदल दिया गया है, लगभग 70 मिलियन लीटर डीजल / 450 करोड़ रु. प्रति वर्ष बचत की संभावना
12– भारतीय रेलवे में 2,44,000 जैव शौचालयों के साथ कुल 69,000 कोच लगाए गए हैं
दक्षिण पूर्वी रेलवे ने उस बारे में ट्वीट किया –
लक्ष्य : भारतीय रेलवे दस साल में हरित रेलवे बन जाएगी pic.twitter.com/6wWqGp2ZXN
— SouthEasternRailway (@serailwaykol) July 14, 2020