इस माह के शुरू में केंद्रीय कैबिनेट ने पूरे रेलवे को विद्युतीकृत करने के एक प्रस्ताव को अनुमति दे दी है। यह 2022 तक लागू किया जाएगा ताकी फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम हो सके।
रेलवे के एक प्रधान अधिकारी ने कहा, “रेलवे को 2022 तक पूरी तरह विद्युतीकृत करने की कोशिश की जा रही है, जिससे सारी ट्रेनों की स्पीड 10-15 % तक बढ़ जाएगी। ”
जहाँ 29,000 किलोमीटर रूट पहले से ही बदलने के लिए कमीशन कर दिया गया था, हाल ही में रेलवे ने और 13000 किलोमीटर के लिए भी अनुमति दे दी है।
घनश्याम सिंह, सदस्य (ट्रैकशन) रेलवे बोर्ड ने कहा, ” रेलवे अपने 5,500 डीजल लोकोमोटिव जो 18 साल से प्रयोग में है, उनको बदलेगा।”
उन्होनें आगे यह भी कहा कि बाकी की बची हुई जेनेरल इलेक्ट्रिक (GE) की 1000 डीजल लोकोमोटिव वह बाद में आपदा और कार्यनीति प्रबंधन के काम में इस्तेमाल करेंगे ।