भारतीय रेलवे और रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आने वाले तीन सालो में (वर्ष 2020 तक, ) प्रमुख रेल रुट्स पे स्वचालित क्रासिंग बनाने की योजना में है. प्रभु ने यह भी कहा कि “भारतीय रेलवे तोड़फोड़ के लिए एक लक्ष्य बन गए हैं, इसलिए उन्होंने एक फोरेंसिक विंग की स्थापना की है जो पर्याप्त साक्ष्य एकत्र करेगा। साथ ही, प्रत्येक वर्ष होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए विरोधी टकराव उपकरणों को स्थापित किया जा रहा है।
भारतीय रेलवे से वर्तमान में प्रतिदिन 22.1 मिलियन से अधिक यात्री यात्रा करते है।
नयी निति के अंतर्गत अब उपग्रह-आधारित चिप सिस्टम लगाए जो गाड़ियों के आने वाले स्वचालित क्रॉसिंग पर सड़क उपयोगकर्ताओं को हूटर द्वारा सूचित करेंगे जिससे होने वाली दुर्घटनाओ को रोका जा सकेगा।
उपग्रह-आधारित चिप सिस्टम भी होंगे जो अब गाड़ियों के आने वाले मानव रहित स्तर के क्रॉसिंग पर सड़क उपयोगकर्ताओं को चेता देंगे।
एक प्रयोगात्मक आधार पर, मुंबई और गुवाहाटी राजधानी ट्रेनें अब इस प्रणाली से लैस होंगी। गुवाहाटी और मुंबई के लिए राजधानी मार्गों पर 20 मानव रहित स्तर के क्रॉसिंग काम किया जा रहा है।
प्रभु ने अपने बयान में कहा कि 40,000 डिब्बों को एक नई युग्मिंग डिवाइस से दोबारा आरम्भ किया जा रहा है जिससे रेलगाड़ियों को पटरी से उतरने से रोका जा सकेगा । उन्होंने यह भी कहा, 2023 तक, भारत अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर काम किया जा रहा है।