भारतीय रेलवे कथित तौर पर अगले 6 महीनों में रेलवे की पुरानी पटरियों को बदलने और नयी पटरियों को लगाने की के लिए एक महीने में 1000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है।
केवल 2% भारतीय रेलवे पटरियों प्रति वर्ष लगभग 2000 किलोमीटर बदली जाती है।पुरानी पटरियों और कम रखरखाव की वजह से पिछले कुछ समय में काफी रेल दुर्घटनायें हुई हैं।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 3,600 किलोमीटर के पटरियों के नवीनीकरण करने का आदेश दिया है जो 80% की वृद्धि है। उन्होंने अगले महीने से स्टील की आपूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय बोलियों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को सभी रेल ज़ोन के लिए सुरक्षा उपायों और मानदंडों की समीक्षा के लिए साप्ताहिक आधार पर मिलने का भी निर्देश दिया है।
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “हम ट्रैक बैलेंस्ट से लेकर क्लिप तक सब कुछ बदल देंगे। काम युद्ध के स्तर पर किया जा रहा है। ट्रैक पहले से वांछित स्थानों पर बदले जा रहे है रेलवे ज़ोन के सामान्य प्रबंधकों को आवश्यकतानुसार रखरखाव करने के निर्देश दिए गए हैं।”
नया समय सारिणी में यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है कि रेल पटरियों और सिग्नल को बनाए रखने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध है। इसके अलावा, यात्रियों को किसी भी देरी के बिना यात्रा कर सके इसपर भी काम किया जा रहा है।
चूंकि हर दस मिनट में बिजी रूट पर एक ट्रेन जाती है जिससे , इंजीनियरों को रखरखाव के लिए बहुत कम समय मिलता है। नयी समय सारिणी, जिसे 1 नवंबर को जारी किया जाना है, 60 मिनट तक मार्गों पर अनावश्यक देरी को कम कर देगा।