2022 तक सभी लंबी दूरी वाली पैसेंजर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की योजना के तहत, रेलवे ने ट्रेनों को बदलने का फैसला लिया है| यह ट्रेनें जल्द ही चलाए जाने वाली सेमी हाई-स्पीड ‘ट्रेन 18 ‘ से बदली जाएँगी|
इन ट्रेनों की कुछ ख़ूबियाँ निम्नलिखित हैं:
1- यह ट्रेनें आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, जिसमें एलईडी टीवी स्क्रीन, एलईडी लाइटिंग सिस्टम, जीपीएस और इन्फोटेनमेंट शामिल हैं|
2- यह ट्रेनें ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में बनाई गई हैं|
3- यह स्वचालित ट्रेनें हैं, जो यात्रा में लगने वाले समय को कम करेंगी और यात्रियों के अनुभव को बेहतर करेंगी|
4- इन ट्रेनों में ‘ज़ीरो डिस्चार्ज वैक्यूम आधारित बायो-टॉयलेट’, ‘पूरी तरह से बंद गैंगवे’, ‘रोलर ब्लाइंड और ‘दिव्यांग-अनुकूलित टॉयलेट’ भी उपलब्ध होंगे|
5- इन ट्रेनों की बॉडी स्टेनलेस स्टील से निर्मित होगी|
नए अपडेट्स के अनुसार, भारतीय रेलवे सितंबर से ‘ट्रेन 18’ का परीक्षण शुरू करेगा| अच्छी तरह से परखे जाने के बाद ही यह ट्रेन चलाई जाएगी | शुरूआती तौर पर, 6 ऐसी ट्रेनें बनाई जाएँगी, पर बाद में आईसीएफ इसके उत्पादन में वृद्धि कर सकता है| ‘ट्रेन 18’ के अलावा, 2020 तक, रेलवे ‘ट्रेन 20’ भी लेकर आएगा|