रेलवे संपत्ति को नष्ट करने से लेकर, ट्रेनों से वस्तुओं की चोरी तक, भारतीय रेलवे को पिछले कुछ समय में काफ़ी भारी नुकसान हुआ है। जारी किए गए आंकड़ों ने हाल ही में ट्रेनों से चोरी की कठोर वास्तविकता का खुलासा किया।
पश्चिम रेलवे से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 के वित्तीय वर्ष में लंबी दूरी की ट्रेनों से 1.95 लाख तौलिए , 81,736 चादरें, 5,038 तकिए, 55,573 पिलो कवर और 7043 कंबल चोरी हो चुके हैं।
डेटा यह भी बताता है कि 200 टॉयलेट मग जो दीवार से बंधे होते हैं, हजार टैप और 300 फ्लश पाइप भी चुराए गए।
सीपीआरओ सेंट्रल रेलवे के सुनील उडासी ने कहा, “अप्रैल से सितंबर 2018 के बीच, 79,350 हाथ के तौलिये, 27,545 बेडशीट, 21,050 तकियों के कवर, 2,150 तकिए और 2,065 कंबल चोरी हो गए थे, जिनका मूल्य लगभग 62 लाख रुपये था।”
यदि ऐसा ही चलता रहा तो यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के सभी प्रयास व्यर्थ हो जाएंगे।