रेलवे, कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में केवल स्पेशल ट्रेनों और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने बड़े बदलावों की घोषणा की है जो परिचालन शुरू होने के बाद पैसेंजर ट्रेनों पर लागू होंगे।
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के पारंपरिक कोचों को लिंक हॉफ़मैन बुश (एलएचबी) कोचों में अपग्रेड करने के लिए पूरी तरह तैयार है। ये एलएचबी कोच सुन्दर होने के साथ ही आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं।
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ट्रेन सर्च करेंसीटों में वृद्धि, वज़न हुआ कम
जर्मन निर्मित एलएचबी कोच का वज़न पारंपरिक ट्रेन के डिब्बों की तुलना में बहुत कम है। जिसकी वजह से उनके दुर्घटनाग्रस्त होने या पटरी से उतरने का जोखिम बहुत कम है।
इसके अलावा, नियमित कोच में बैठने की क्षमता 72 होती है, जबकि एलएचबी कोच में अधिकतम 80 लोग बैठ सकते हैं।
और अधिक 3AC कोच
इस नई सुविधा से 3AC यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि रेलवे कुल 3AC कोचों की संख्या बढ़ाकर छह करने की योजना बना रहा है।
स्लीपर कोच होंगे कम
इसके अलावा, लंबी दूरी की ट्रेनों में स्लीपर कोच कम हो जायेंगे। पारंपरिक कोच वाली ट्रेनों में 10-11 स्लीपर कोच होते हैं, एलएचबी कोच वाली ट्रेनों में केवल 7 स्लीपर कोच होंगे।
ट्रेनों में होगा नया कोच डिवीज़न
इन नये बदलावों के अनुसार, दुरंतो एक्सप्रेस, अंत्योदय एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और जन शरण ट्रेनों में अब सात स्लीपर कोच, 3AC श्रेणी के छह कोच, 2AC श्रेणी के दो कोच और पैंट्री कोच, सामान कोच के अलावा चार सामान्य डिब्बे होंगे।
रेलवे सभी यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा के साथ-साथ सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों के अलावा इंटरसिटी ट्रेनों में भी एलएचबी कोच लगाने की योजना बना रहा है।