हालिया दुर्घटनाओं के मद्देनजर अगले कुछ सालों में भारतीय रेलवे अपने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए करीब 2,00,000 कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए तैयार है। जिससे कर्मचारियों की संख्या में २ लाख का इजाफा होगा। भारतीय रेलवे के लिए काम कर रहे कर्मचारियों की कुल संख्या 15 लाख हो जाएगी जो लगभग 15% ज्यादा होगी मौजूदा कर्मचारियों से।
भारतीय रेल दुनिया की चौथी सबसे बढ़ी रेल नेटवर्क है जिससे हर रोज़ लाखों यात्रि यात्रा करते है लेकिन इसके पास एक अच्छा सुरक्षा रिकॉर्ड नहीं है। पिछले तीन सालों में, ट्रेन दुर्घटना में कम से कम 650 लोग मारे गए हैं।
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रेलवे की अधिकांश भर्ती सुरक्षा और रखरखाव श्रेणी में विभिन्न पदों के लिए होगी जो पटरियों की मरम्मत और देख रेख करेंगे । कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय रेलवे 100 से अधिक ट्रैक निरीक्षण वाहनों की खरीद करने की योजना बना रहा है।
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दिसंबर 2016 तक, भारतीय रेलवे की 1.3 लाख से अधिक कर्मचारियों की भर्ती करने का अनुमान है जिसमे समूह ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणियों में लगभग 2,25,823 पद रिक्त हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें सुरक्षा श्रेणियों में 1,22,911 रिक्त पदों और लोको रनिंग स्टाफ में लगभग 17,464 लोगों की कमी है।
रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, हर साल होने वाले दुर्घटनाओं में ज्यादातर मानव रहित स्तर के क्रॉसिंग होते हैं, और भारतीय रेलवे में वर्तमान में पूरे देश में 6,000 से अधिक क्रॉसिंग हैं। इसलिए वर्ष 2020 तक, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और उनके मंत्रालय मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग बदल देना चाहते है।