भारतीय रेलवे ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परियोजना बनाई है।
मानवरहित क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (या नावीआईसी) का उपयोग किया जायेगा। हूटर के माध्यम से लोगो को आने वाली ट्रेनों की चेतावनी दी जाएगी।
अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) के निदेशक तपन मिश्रा ने कहा, “जब इंजन को ट्रेन पर स्थापित आईसी चिप से संकेत मिलेगा तो हूटर सक्रिय हो जायेगा जब उसका इंजन 500 मीटर से 4 किमी की दूरी पर होगा । हूटर नेविगेशन सिस्टम से जुड़ा हुआ है, जिससे ट्रेन के बारे में लोगों को चेतावनी दी जाएगी। हूटर को रेलवे के नेविगेशन सिस्टम के साथ जोड़ा जायेगा।
मिश्रा ने यह भी कहा, “पायलट प्रोजेक्ट के तहत, विभिन्न मार्गों पर रेलगाड़ियों के पांच इंजनों पर आईसी चिप्स लगाए गए हैं। उपग्रह-आधारित हुटर सिस्टम पर परीक्षण जून से चल रहा है ताकि यह विश्वसनीय हो और अलग-अलग जलवायु परिस्थितियों में कार्य कर सकें”।
भारत में लगभग 18,000 मानव स्तर वाले क्रॉसिंग और 7254 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हैं, जो रेलवे के लगभग 40% दुर्घटनाओं का कारण है।
यह प्रणाली ट्रैनों को वास्तविक समय के आधार पर ट्रैक करने में भी मदद करेगी। उदाहरण के लिए, यह एक ट्रेन द्वारा कवर किया गया मैप एरिया दिखायेगा और दुर्घटनाओं के दौरान ट्रैन की सही लोकेशन का पता चल पायेगा।