प्लास्टिक और कागज़ के कप व प्लेटों के उपयोग को कम करने के लिए, रेलवे ने भोजन और चाय परोसने हेतु मिट्टी के बर्तन उपयोग करने का पर्यावरण अनुकूल कदम उठाया है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, “क्षेत्रीय रेलवे और आईआरसीटीसी को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है ताकि वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों में स्थित सभी स्थिर इकाइयों में यात्रियों को स्थानीय रूप से उत्पादित और पर्यावरण अनुकूल टेराकोटा उत्पादों जैसे – कुल्हड़, गिलास और प्लेटों में सामग्रियाँ परोसी जाए। ऐसा करने पर स्थानीय टेराकोटा उत्पाद निर्माताओं को अपनी वस्तुएँ विक्रय करने में सहायता मिलेगी।”
यात्रियों को मिट्टी के बर्तनों में भोजन और चाय परोसे जाने पर, स्वाद और भी बढ़ जाएगा। मिट्टी के बर्तन बायोडिग्रेडेबल होते हैं, इसलिए इनके फेंके जाने पर भी पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा।
हम उम्मीद करते हैं कि यह कदम पूरी तरह से लागू किया जाए, जिससे भारतीय रेलवे को अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में आवश्यक मदद प्राप्त हो।