केंद्रीय वित्त और रेल मंत्री, पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे के लिए 1.58 लाख करोड़ रुपये की उच्चतम राशि आवंटित करने की घोषणा की है।
पीयूष गोयल ने अपने भाषण में कहा, “रेलवे के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाकर 64,587 करोड़ रुपये कर दिया गया है।”
रेलवे बजट अलग से पेश करने का 92 साल पुराना अभ्यास पिछले साल बंद कर दिया गया था। अब यह केंद्रीय बजट के साथ पेश किया जाता है। पुराने रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का नवीनीकरण, तेज़ स्व-चालित ट्रेन, यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएँ और सुरक्षा व्यवस्था, इस साल रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
रेलवे बजट 2019 की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1. सरकार ने भारतीय रेलवे के लिए 2019-20 में 64,587 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है। यह वित्त वर्ष 2019 में 53,060 करोड़ रुपये के बजट से 22 प्रतिशत अधिक है।
2. पांच दशकों में, रेलवे ने 2017-18 के वित्तीय वर्ष में सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा रिकॉर्ड बनाया। पिछले वित्तीय वर्ष हुई 104 दुर्घटनाओं की तुलना में, 30 मार्च 2018 तक रेलवे नेटवर्क में 73 दुर्घटनाएँ हुईं। यह संख्या 57 वर्षों में सबसे कम है।
3. ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
4. वंदे भारत एक्सप्रेस में सफ़र कर रहे यात्रियों को सुरक्षा, रफ़्तार और अन्य व्यवस्थाओं के दृष्टिकोण से विश्व स्तर की सुविधा प्राप्त होगी । यह ‘मेक इन इंडिया ’कार्यक्रम की सफलता में सहायक साबित होगी, जिससे देश में रोज़गार के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
5. 2017-18 में, रेलवे ने 4,405 किमी. पुरानी रेलों का नवीनीकरण किया। यह प्रगति इस वर्ष के लिए रखे गए 4,400 किमी. के लक्ष्य से कहीं अधिक है।
6. वर्ष 2019-20 में, रेलवे का परिचालन अनुपात 2018-19 के 96.2% से घटकर 95% पर आ जाएगा।
7. 2019 के रेल बजट में रेलवे किराया वृद्धि की घोषणा नहीं की गई।