कोरोना वायरस महामारी के कारण चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए कई विकासात्मक परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य नॉर्थईस्ट में रेल संपर्क को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार, देश के नॉर्थईस्ट राज्यों में पूरे रेल नेटवर्क को ब्रॉड गेज नेटवर्क में बदल दिया गया है।
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ट्रेन सर्च करें1. जिरीबाम-इम्फाल रेलवे परियोजना: मणिपुर की राजधानी इम्फाल, भारतीय रेलवे द्वारा 111 किमी लंबी जिरीबाम-इम्फाल परियोजना के माध्यम से रेल कनेक्टिविटी प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस परियोजना के मार्च 2022 तक पूरा होने की संभावना है:
2. भैरबी सैरंग रेलवे परियोजना: मिज़ोरम आखिरकार भैरबी सैरंग रेलवे परियोजना के माध्यम से भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क का हिस्सा बनने जा रहा है। इस परियोजना की शुरुआत, राज्य की राजधानी आइजोल में होने जा रही है, इस परियोजना के तहत एक 51 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाई जायेगी। इस परियोजना के मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।
3. दीमापुर-कोहिमा रेलवे परियोजना: 82 किलोमीटर लंबी दीमापुर-कोहिमा परियोजना द्वारा रेल नेटवर्क के माध्यम से कोहिमा आसानी से पहुँचा जा सकेगा। 500 करोड़ रुपये की इस रेल परियोजना के मार्च 2023 तक पूरी होने की उम्मीद है।
4. सिवोक-रंगपो रेलवे परियोजना: सिक्किम को राजधानी गंगटोक में चल रही 44 किलोमीटर लंबी सिवोक-रंगपो रेलवे परियोजना के माध्यम से आखिरकार रेल संपर्क मिल जाएगा। इस परियोजना के पूरे हो जाने के बाद, यात्री केवल दो घंटे में पश्चिम बंगाल से सिक्किम की यात्रा कर सकेंगे।
5. टेटेलिया-बिरनीहाट रेलवे परियोजना: लोकप्रिय पर्यटन स्थल शिलाँग को 22 किलोमीटर लंबी टेटेलिया-बिरनीहाट परियोजना के माध्यम से भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। इस रेलवे परियोजना के मार्च 2022 तक पूरा होने की संभावना है।
ये परियोजनाएँ निश्चित रूप से नॉर्थईस्ट राज्यों में कनेक्टिविटी, पर्यटन और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेंगी।