नगाड़े की धूम, रंगों का उल्लास और डालियों पर सजते हुए पलाश के फूलों के बीच रसोई से उठती स्वादिष्ट व्यंजनों की महक, होली के त्यौहार को और भी ख़ास बना देती है। देश भर में पूरे जोश से मनाया जाने वाला यह पर्व, मस्ती, उमंग और भाईचारे का प्रतीक है। अनेकों किवदंतियों और परंपराओं से घिरा हुआ यह त्यौहार देश के अलग-अलग प्रांतों में भिन्न-भिन्न रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
अगर आप भी इस त्यौहार का आनंद उठाना चाहते हैं तो देश के अलग-अलग कोनों में जाएँ एवं निम्नलिखित व्यंजनों का ज़ायका लें:
1. राजस्थान की शाही गुजिया
खोवा, सूखे मेवे और गुड़ से बनाई जाने वाली यह लोकप्रिय मिठाई सर्वप्रथम राजस्थान में तैयार की गई थी। समय गुज़रने के साथ-साथ यह देश भर में मशहूर हो गई और होली के अलावा अब यह अन्य तीज-त्यौहारों पर भी बड़े चाव से बनाई व खाई जाती है।
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2. महाराष्ट्र की मीठी पूरनपोली
होली के शुभ अवसर पर बनाई जाने वाली यह सर्वप्रिय मिठाई, एक पतली ब्रेड की तरह होती है। यह ब्रेड चने की दाल, जायफल और इलायची के मिश्रण से बनाई जाती है। महाराष्ट्र का असली रंग महसूस करने के लिए आपको पूरनपोली का स्वाद चखना ही चाहिए।
3. अवध का चटपटा दही वड़ा
चटपटे चाट और दही वड़े सबसे पहले अवध की गलियों में बनना शुरू हुए और धीरे-धीरे सारे देश में लोकप्रिय हो गए। होली के त्यौहार के दौरान इन चटपटे दही वड़ों का अपना अलग ही महत्व है। परिवारजनों और मित्रों के साथ बैठकर दही वड़ों के साथ चर्चा होली के ख़ास पलों में से एक है।
4. बंगाल की भोग जिलीपी
पनीर और चाशनी से बनने वाली एवं जलेबी की तरह दिखने वाली ‘जिलीपी भोग’ बंगाल में होली के दौरान काफ़ी पसंद की जाती है। बंगाल में होली का पर्व डोल जत्रा के रूप में मनाया जाता है जो भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम से जुड़ा है। रंगों से खेलना भी इस पर्व का अहम हिस्सा है।
5. बिहार का राजसी मालपुआ
सबसे अधिक पुरानी मिठाइयों में गिना जाने वाला मालपुआ, बिहार के गाँवों से निकल कर सारे देशभर में छा गया है। 3500 सालों से भी ज़्यादा समय तक होली के त्यौहार का हिस्सा रहा यह व्यंजन रबड़ी के साथ खाया व परोसा जाता है।
होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ!