भारतीय रेलवे, ट्विन इंजन संचालन की शुरूआत होते ही राजधानी और अन्य एसी एक्सप्रेस ट्रेनों में दो और पैसेंजर कोच जोड़ेगा।
इससे ट्रेन में न केवल यात्रियों के लिए अधिक जगह उपलब्ध होगी बल्कि यात्रा तय करने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा।
इस प्रणाली की मदद से, ट्रेन में एसी चलाने के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली, ट्रेन से जुड़ी दो पावर कारों के बजाय ओवरहेड केबल से ली जाएगी। इससे रेलवे को दो और 3-टियर एसी कोच जोड़ने में मदद मिलेगी एवं 100 से अधिक और भी यात्रियों के लिए ट्रेन में जगह बन पाएगी।
ट्विन इंजन के साथ पहला कमर्शियल रन 13 फरवरी को संपन्न हुआ था। मुंबई-दिल्ली राजधानी ने लगभग 17 घंटे में यह दूरी तय करके 106 मिनट की बचत की, जो आमतौर पर 19 घंटे में तय होती है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “होटल लोड कनवर्टर युक्त लोकोमोटिव की पुश-पुल तकनीक से, दोनों एंड पावर कार को पैसेंजर कोच द्वारा भी बदला जा सकता है। हमने सभी राजधानी ट्रेनों को को पुश-पुल विधि द्वारा संचालित करने का प्रस्ताव रखा है क्योंकि इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि ट्रेन में और भी अधिक यात्रियों के लिए जगह बनेगी एवं राजस्व में भी वृद्धि होगी।”