मंगलवार को पीएम ने भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए ‘आत्म निर्भर भारत पैकेज’ की घोषणा की थी।
आज, वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने कहा, ” आत्म निर्भर भारत अभियान का उद्देश्य विकास को बढ़ावा देना और एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। हमारा इरादा स्थानीय ब्रांडों का समर्थन एवं उन्हें वैश्विक स्तर पर ले जाना है।”
मुख्य हाइलाइट्स निम्नलिखित हैं:
- वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये तक कोलैटरल-फ़्री ऋण की घोषणा की। वहीं तनावग्रस्त MSME के लिए 2 लाख MSMEs को लाभ पहुंचाने हेतु 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- MSME सेक्टर के लिए तीसरी योजना में, वित्त मंत्री ने कहा कि जो MSME व्यवहार्य हैं, उनके लिए 10,000 करोड़ रुपये का एक कोष स्थापित किया जाएगा। यह योजना एमएसएमई को उसके आकार को बढ़ाने में मदद करेगी।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को परिभाषित करने वाली निवेश सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रूपए कर दिया गया है, जो पहले 25 लाख रू. थी।
- 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर को अनुमति नहीं दी गयी है, ताकि भारत आत्मनिर्भर बनें एवं इससे मेक इन इंडिया पहल को भी बढ़ावा मिलेगा।
- कोरोना के दुष्प्रभाव के चलते चूँकि व्यापार मेलें और प्रदर्शनियाँ नहीं हो पाएँगी, इसलिए MSME संबंधित सभी प्राप्तियों को अगले 45 दिनों के भीतर मंजूरी दे दी जानी चाहिए।
- वित्तीय तनाव को कम करने के लिए सरकार ने 3 महीने तक व्यापार और कर्मचारियों के लिए EPF समर्थन जारी रखने का फैसला किया, जिससे 2,500 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी राहत मिली।
- कर्मचारियों को अधिक वेतन प्राप्ति और पीएफ के भुगतान में नियोक्ताओं को राहत देने के लिए, 3 महीने तक व्यवसायों और कर्मचारियों के लिए EPF अंशदान कम किया जा रहा है।
- सरकार ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी योजना शुरू की है।
- सभी बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी इन्फ़्यूज़न की घोषणा की गई है क्योंकि इस समय बिजली वितरण कंपनियां गंभीर संकट का सामना कर रही हैं।
- FY20 के लिए सभी आईटी रिटर्न की देय तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है।
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