ट्रेन यात्रियों के लिए कोरोना वायरस के खतरे को कम करने हेतु रेलवे ने उठाए 4 नए कदम

कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे और भी अधिक सावधानी बरत रहा है।

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राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर, यात्रियों की सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा सुनिश्चित कर रहा है।

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यात्रियों को COVID संक्रमण के जोखिम से बचाने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम निम्नलिखित हैं:

1. उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस आइसोलेशन के लिए लगाए गए कोचों में अब रूफ़ इन्सुलेशन होगा। चूंकि कोच नॉन-एसी हैं, रूफ़ के इन्सुलेशन से कोचों के अंदर तापमान को काम करने में मदद मिलेगी, जिससे अंदर के मरीजों को आराम रहेगा।


2.
कुछ दिन पहले ही ऑटोमेटेड टिकट चेकिंग (ATMA) सिस्टम लॉन्च करने के बाद, केंद्रीय रेलवे अब ऑटोमेटेड बूम बैरियर गेट (ABBG) लॉन्च कर रहा है। यह नया फ़ीचर  यात्रियों को ATMA द्वारा स्वचालित नो-टच स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश की अनुमति देगा। यह ऑन-ड्यूटी आरपीएफ के अधिकारियों की संक्रमण के दायरे में आने की संभावना कम कर देगा।

3. आगामी मानसून के महीनों में निर्बाध सेवाएँ प्रदान करने के लिए, दक्षिण पश्चिमी रेलवे ने सभी इन्फ़्रास्ट्रक्चर संबंधी और सुरक्षा कार्यों को समय पर पूरा कर लिया है। इन कार्यों में कुछ मानव रहित लेवल-क्रॉसिंग को बंद करना और रोड अंडरब्रिज का निर्माण शामिल है। अगर ये कार्य समय पर पूरे नहीं होते, तो पैसेंजर ट्रेनों का शेड्यूल गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता था।

4. कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बिस्तरों की कमी से निपटने के लिए, रेलवे ने ट्रेन के कोचों को कोरोना वायरस आइसोलेशन वार्डों में परिवर्तित किया है। इसके लिए, जबलपुर में रेलवे के आइसोलेशन यार्ड में 24-कोच की आइसोलेशन ट्रेन बनाई जाएगी। हाल ही में जबलपुर से दिल्ली के लिए एक ऐसी ही आइसोलेशन  ट्रेन भेजी गई थी।

भारतीय रेलवे,  यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ आम जनता की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाकर एक सराहनीय काम कर रहा है।