सर्दियों में ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए, रेलवे ने लोको पायलट को सतर्क करने के लिए ट्रेनों में जीपीएस-सक्षम कोहरे सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेनों में जीपीएस आधारित उपकरणों का इस्तेमाल करने की योजनाएं आगे बढ़ रही है। रेलवे ने उत्तरी भारत में लगभग 2,400 डिवाइसेज मुहैया कराए हैं, जहां सर्दियों के दौरान ट्रेनों के समय पर सबसे ज़्यादा प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि 900 जीपीएस डिवाइस दिल्ली क्षेत्र को दिए गए हैं।
फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाने के साथ-साथ रेलवे द्वारा उन क्षेत्रों का भी अध्ययन किया जा रहा है जहां धुंध में विजिबिल्टी शून्य रहती है। ऐसे क्षेत्रो में से गुजरने वाली ट्रेनो में लोको पायलट को सिग्नल की जानकारी देने के लिए डिटोनेटर का प्रयोग किया जाएगा।
डिटोनेटर ऐसी डिवाइस है जो ट्रैक पर पहिया चलने से विस्फोट जैसी तेज आवाज पैदा करेगा, जिससे लोको पायलट को पता चल पाएगा कि कुछ ही समय में स्टेशन आने वाला है। यह डिवाइस सिर्फ उन क्षेत्रों में लगाई जाएगी जहां धुंध काफी ज्यादा होगी। विभाग ने इसके लिए फॉग मैन भी नियुक्त करने का विचार बनाया है।
गहन कोहरे की स्थिति के दौरान, गति प्रतिबंध लगाए जाएंगे और ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम अर्ध-स्वचालित में परिवर्तित हो जाएगा।रेलवे चालक दल और स्टेशन के कर्मचारियों को पर्याप्त वॉकी-टॉकी सेट प्रदान करने की भी योजना बना रहे हैं। वे लोको पायलटों को संकेत पुस्तिका भी प्रदान करेंगे और कोहरे के दौरान काम करने पर परामर्श करेंगे।