14 जुलाई को, भारतीय रेल ने दिल्ली में सफदरजंग रेलवे स्टेशन से अपनी पहली सौर ऊर्जा वाली डीईएमयू (डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) ट्रेन लॉन्च की। यह ट्रेन रोजाना दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फारुख नगर स्टेशन के बीच चलेगी। इस ट्रेन के आठ डिब्बों पर 16 सोलर पैनल लगाए गए हैं। दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि सोलर पैनलों का इस्तेमाल रेलवे में ग्रिड के रूप में किया जा रहा है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, “यह ट्रेनों को अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक “नया कदम” है।”
ट्रेन में पावर बैकअप ऑप्शन है और यह बैटरी पर 72 घंटे तक का सफर पूरा कर सकती है। पिछले साल के रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ऐलान किया था कि रेलवे सौर ऊर्जा से अगले 5 सालों में 1,000 मेगावाट बिजली पैदा करेगी। सौर ऊर्जा युक्त डेमू सोलर ट्रेन इसी योजना का हिस्सा है।
सौर ऊर्जा प्रति वर्ष 2.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगी।
यह सौर-चालित वाहक कई अन्य पर्यावरणीय-अनुकूल उपाय उठाएगा जैसे जैव-शौचालय, अपशिष्ट निपटान, जल-रीसाइक्लिंग, सीएनजी और एलएनजी और पवन ऊर्जा का उपयोग करना।
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली की उपनगरीय रेलवे प्रणाली पर ट्रेन का पहला रेक वाणिज्यिक सेवा में डाल दिया जाएगा। एक मार्ग जल्द ही तय किया जाएगा।
प्रति वर्ष अनुमानित 1.2 लाख किलो लीटर डीजल की बचत करके, रेलवे प्रति वर्ष 672 करोड़ रुपये जुटा पाएगा।