कोहरे की समस्या से निपटने के लिए और ट्रेनों की सुरक्षा एवं समयबद्धता को सुनिश्चित करने के लिए, उत्तरी रेलवे ने ट्रेनों में 2,648 फॉग सेफ़्टी डिवाइस लगाने की योजना बनाई है|
यह फॉग सेफ़्टी डिवाइस, एक जीपीएस आधारित उपकरण है जो आने वाले सिग्नल के बारे में लोको पायलट को पहले से ही सूचना प्रदान करती है|
यह उपकरण पूर्व मध्य रेलवे (877), उत्तर मध्य रेलवे (537), उत्तर पूर्वी रेलवे (975), पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे (802) को भी प्रदान किया गया है|
इसके अलावा, कोहरे के मौसम में लोको पायलट को आने वाले सिग्नल के बारे में सूचना देने के लिए रेलवे फॉगमैन तैनात करेगा| उनका काम पटरियों पर डिटोनेटर्स (एक उपकरण, जो ट्रेन के पहिये ऊपर से गुज़रने पर आवाज़ करता है) रखना होगा|
स्टेशन स्टाफ और क्रू को वॉकी-टॉकी सेट भी दिए गए हैं| इसके अलावा, लोको पायलट को कोहरे के मौसम के दौरान काम करने के लिए सिग्नल संकेत पुस्तिकाएँ और परामर्श प्रदान किया गया है|