विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक सम्मलेन ‘कुम्भ’ का शुभारंभ प्रयागराज में हो चुका है।दुनियाभर से श्रद्धालुगण, गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं।15 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभ अवसर से शुरू होने वाला यह उत्सव 4 मार्च को महा शिवरात्रि के पर्व तक चलेगा। इस वर्ष, अर्ध कुम्भ सिर्फ़ आध्यात्मिक और धार्मिक कारणों से भाग लेने वाले यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि एडवेंचर और वाटर स्पोर्ट्स का शौक रखने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस साल एडवेंचर टूरिज़्म के लिए कुंभ मेले में कई कार्यक्रम रखे जा रहे हैं। इस वर्ष, मेले में कई वॉटर स्पॉर्ट्स भी शामिल हैं, जिनका आनंद आप पूरे परिवार के साथ उठा सकते हैं। इन एडवेंचर स्पोर्ट्स का मज़ा कुंभ मेला परिसर के सेक्टर 18 में आने वाले लोग उठा पाएँगे। पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, वॉल क्लाइम्बिंग, बॉल ज़ॉरबिंग और हॉट एयर बलून जैसी ऐक्टिविटीज़ भी इस बार अर्ध कुम्भ में होंगी।एडवेंचर और स्पोर्ट्स की व्यवस्था विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करने में मददगार साबित होगी। यह कार्यक्रम, कुम्भ के दौरान चल रहे धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों से अलग होगा और युवाओं को ख़ासतौर पर पसंद आएगा।
इसके अलावा, लोगों को कुम्भ मेला तक पहुँचाने के लिए जलपोत सीएल कस्तूरबा का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। यह जलपोत लोगों को सुजावन देव मंदिर, नैनी ओल्ड ब्रिज, बोट क्लब, सरस्वती घाट और किला घाट तक की सैर कराएगा।
वैसे तो पूरा कुम्भ मेला क्षेत्र ही घूमने और देखने लायक है लेकिन कुछ ऐसे स्थान भी हैं, जहाँ भारतीय कला व संस्कृति अपनी चरम पर दिखाई देगी। इन एडवेंचर और वाटर स्पोर्ट्स के अतिरिक्त, कुम्भ में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालु पहली बार अकबर के किले में अक्षयवट और सरस्वती कूप के भी दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा यात्री 12 माधव की परिक्रमा और क्रूज की सवारी का भी आनंद ले पाएँगे।