अर्ध कुम्भ में संगम तट पर करीब 1100 श्रद्धालु अवधूत सन्यासी बनने की प्रक्रिया में शामिल हुए।अवधूत सन्यासी बनने के लिए गंगा के तट पर इनका मुंडन संस्कार व जनेऊ संस्कार किया गया।
जूना अखाड़े के महात्मा और दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष आगत्स्य गिरि ने बताया कि सन्यासी बनने के इस प्रथम चरण में सर्वप्रथम मुंडन का कार्य संपन्न हुआ, फिर इच्छित श्रद्धालुओं को स्नान कराया गया और जनेऊ धारण कराया गया।
प्रथम चरण में शामिल हुए लोगों की संख्या करीब 1100 थी। सन्यास धारण करने वालों में गृहस्थ लोगों के अलावा बड़ी संख्या युवाओं की भी थी।
13 अखाड़ों में से जूना, आवाहन, अटल, महानिर्वाणी, निरंजनी समेत केवल छह अखाड़ों में सन्यास दिलाया जाता है। पूरे कुम्भ में केवल दो बार सन्यास धारणा की प्रक्रिया संपन्न होती है।