भारतीय रेलवे ने छह महीने के परीक्षण के आधार पर एक नई योजना शुरू की है, जिसमें खानपान सेवाएं दुरंतो और राजधानी जैसी ट्रेनों के लिए वैकल्पिक होंगी । नए नियम के मुताबिक, इन ट्रेनों पर एक सीट बुकिंग करने वाले यात्रियों को अब भोजन का विकल्प न चुनने का विकल्प होगा, जिसके परिणामस्वरूप टिकटों का किराया कम होगा।
नई नीति 1 अगस्त, 2017 से लागू की गई है और अब से 6 महीने के लिए प्रभावी रहेगी। नवीनतम विकास के कुछ मुख्य आकर्षण हैं:
1. खानपान शुल्क टिकट शुल्क में शामिल किया जाएगा, यदि कोई यात्री खानपान सेवाओं को न लेने का विकल्प चुनेगा ।और बुकिंग के समय इस सेवा का लाभ नहीं लेने वालों के लिए कोई खानपान शुल्क लागू नहीं होगा।
2. यात्रियों को, जो कि खानपान सेवा के लिए विकल्प नहीं लेना चाहते है उनको टिकट के लिए कम भुगतान करना होगा। ऐसे यात्री जो बुकिंग के समय भोजन का विकल्प का चुनते हैं , उन्हें इस सेवा के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए, नवंबर के अंत तक दिल्ली मुंबई राजधानी एक्सप्रेस पर एक दूसरा एसी टिकट खानपान विकल्प के बिना 2590 रुपये और भोजन के साथ INR 2865 का होगा
3. हालांकि, यात्री चयन करने के बाद यात्रा के दौरान अपना विकल्प नहीं बदल सकेंगे । यह योजना छह महीने के लिए कार्यान्वित होगी, जो तीन महीने के बाद एक मध्य अवधि की समीक्षा के अधीन होगी। “एक भारतीय रेल अधिकारी ने एक मीडिया रिपोर्ट में ये कहा।
4. यात्रियों को कोई आंशिक कैटरिंग सेवाएं नहीं दी जाएगी।
5. यात्रियों, जिन्होंने 1 अगस्त, 2017 से पहले अपने टिकट बुक किए हैं, को खानपान सेवाओं के लिए भुगतान करना होगा।