अब भारत में भी विदेशों की तरह शीशे की कोच वाली ट्रेने चलेंगी। कश्मीर घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय और राज्य प्रशासन दोनों के लिए प्राथमिकता का मामला बन गया है। उत्तरी रेलवे ने एक ‘’विस्टाडोम कोच’’ के साथ एक वातानुकूलित 40 सीट ट्रेन को लागू करने का फैसला किया है।
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श्रीनगर के नोव्गाम से अनंतनाग जिले में सदुरा तक एक परीक्षण चलाने का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। पर्यटक अब पुरे साल सुन्दर दृश्यों का ट्रेन के अंदर से ही लुफ्त उठा सकते है । भारत में केवल दो अन्य रेल मार्गों में विस्टाडोम कोच वाली ट्रेनें चलती हैं – मुंबई-गोवा लाइन और विशाखापत्तनम-अराकू घाटी लाइन।
उत्तरी रेलवे के अधिकारियों ने वर्तमान में 40-सीट ट्रेन शुरू करने की वाणिज्यिक और परिचालनात्मक रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। “हम यह तय करेंगे कि क्या ट्रेन 112 किमी लंबी बनीहल से बारामूला तक पहुंच जाएगी या नहीं। यह भी तय किया जाना चाहिए कि क्या इस ट्रेन को एक दिन में एक बारी या उससे अधिक बारी चलना चाहिए या नही” श्रीनगर में उत्तरी रेलवे के मुख्य क्षेत्र प्रबंधक हरि मोहन ने कहा।
इन ट्रेनों में विद्युत नियंत्रण के साथ ग्लास-छत वाले कोच भी लगाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को बाहर का एक मनोरम दृश्य मिलेगा। बेहतर देखने के लिए, यात्री विशेष अवलोकन लाउंज में जा सकते हैं जहाँ रोटेटेबल-पुशबैक सीटें भी प्रदान की गई हैं। अन्य सुविधाओं में जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली, एलईडी रोशनी और स्वचालित स्लाइडिंग कंपार्टमेंट दरवाजे जैसी चीज़ें शामिल हैं।